Chhattisgarh News: सुकमा-बीजापुर सीमा पर स्थित टेकलगुडेम में सीआरपीएफ ने एक स्कूल खोला है, जो नक्सल प्रभावित इलाके में शिक्षा की रोशनी लाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह इलाका नक्सलियों से बुरी तरह प्रभावित था, जहां कई सुरक्षा बल के जवानों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाई है।
नक्सलियों का आतंक
नक्सलियों ने इस इलाके में कई सालों तक आतंक मचाया था। उन्होंने किसी भी स्कूल के निर्माण को रोका था और यहां तक कि उन लोगों को भी नुकसान पहुंचाया था जिन्होंने स्कूल बनाने की कोशिश की थी, लेकिन अब सीआरपीएफ की बदौलत इलाके में हालात बदल रहे हैं।
सीआरपीएफ की पहल
सुकमा जिले में स्थिति को सुधारने के लिए सीआरपीएफ, जिला पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा चल रहे प्रयासों के तहत इस स्कूल की स्थापना की गई थी। सीआरपीएफ की 150वीं बटालियन की मदद से इलाके में हालात बदल रहे हैं। टेकलगुडेम के एक स्थानीय निवासी ने बताया, “हमारे गांव में पहले कोई स्कूल नहीं था। नक्सली लोगों को स्कूल बनाने से रोकते थे और कोशिश करने वालों को मार भी देते थे। अब सीआरपीएफ की बदौलत हमारे पास स्कूल है। हमारे बच्चे हर दिन स्कूल जा सकते हैं और उन्हें यहां भोजन भी मिलता है।”
शिक्षा की रोशनी
यह स्कूल ग्रामीणों और सुरक्षा बलों के बीच विश्वास को फिर से बनाने के वर्षों के प्रयास का नतीजा है। 2024 में गांव वालों से बात करने और उनका भरोसा जीतने के लिए सीआरपीएफ कैंप लगाए गए। अब गांव के बच्चों को सुरक्षित माहौल में सीखने और बढ़ने का मौका मिल रहा है। सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण गंगाराम चव्हाण ने कहा, “सुकमा जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सीआरपीएफ, जिला पुलिस और प्रशासन टेकलगुडेम और पुवर्ती में स्कूल संचालित कर रहे हैं। बच्चों को भोजन, किताबें और खेल के उपकरण भी दिए जा रहे हैं।”