Wakf Bill: संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने वक्फ विधेयक 1995 को 14 खंडों/धाराओं में 25 संशोधनों के साथ मंजूरी दे दी है। जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने बताया कि समिति ने पिछले छह महीनों में विभिन्न हितधारकों को शामिल करने के लिए व्यापक प्रयास किए हैं।
जेपीसी की प्रक्रिया पर जगदंबिका पाल का बचाव
जगदंबिका पाल ने जेपीसी की प्रक्रिया का बचाव किया और बताया कि समिति ने सभी हितधारकों, राज्य सरकार के अधिकारियों, कार्य बोर्ड, शिया वक्फ बोर्ड, सुन्नी वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोगों, इस्लामी विद्वानों, प्रोफेसरों, सेवानिवृत्त न्यायाधीशों, वकीलों, उच्च न्यायालयों, सर्वोच्च न्यायालय, सभी से मुलाकात की।
विपक्षी सदस्यों की आलोचनाओं का जवाब
विपक्षी सदस्यों की आलोचनाओं पर पाल ने कहा कि समिति ने उन्हें बोलने का अवसर दिया है और प्रत्येक संशोधन को प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
मतदान प्रक्रिया पर जगदंबिका पाल का बयान
मतदान प्रक्रिया को आगे समझाते हुए पाल ने कहा कि जब सदस्यों के बीच संशोधन पर कोई सहमति नहीं होती है, तो उस पर मतदान होता है, यह एक प्रक्रिया है और उनके प्रत्येक प्रस्ताव पर, समिति ने संशोधन पर मतदान किया है, जिसमें मतदान रिकॉर्ड किया गया है। उसका एक फोटो है कि उनके प्रस्तावों पर उनके पक्ष में 10 वोट मिले, और उनके खिलाफ 16 वोट पड़े।
वक्फ विधेयक 1995 के भविष्य पर जगदंबिका पाल का बयान
पाल ने बताया कि समिति इस विधेयक को जेपीसी के सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत करेगी और फिर उन्हें अपनाएंगे। उसके बाद, समिति अपनी जेपीसी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, जो लगभग 500 पृष्ठों की है और उस रिपोर्ट को भी अपनाएगी। उस स्वीकृति के बाद, समिति स्पीकर से अनुरोध करेगी कि वह अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना चाहती है।