आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस है। किसी भी देश की सेना उसकी सबसे बड़ी ताकत होती है। देश के वीर सैनिक सरहदों पर 24 घंटे तैनात रहते हैं। इन्हीं वीर सैनिकों के कारण देश का प्रत्येक नागरिक चैन की नींद सो पाता है। सेना के वीर जवान कभी-कभी बहादुरी के साथ दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद भी हो जाते हैं। देश के प्रति अपने प्यार को दर्शाते हुए सशस्त्र बल किसी भी चीज़ से पहले देश और लोगों को प्राथमिकता देते हैं। यहां तक कि अपने जीवन को भी दांव पर लगा देते हैं।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास
भारत को आजादी मिलने के तुरंत बाद सरकार को अपने रक्षा कर्मियों के कल्याण का प्रबंधन करने की आवश्यकता पैदा हुई।28 अगस्त 1949 को रक्षा मंत्री के अधीन गठित एक समिति ने 7 दिसंबर को प्रतिवर्ष झंडा दिवस मनाने का निर्णय लिया। झंडा दिवस मनाने के पीछे का विचार आम जनता को छोटे झंडे वितरित करना और बदले में दान इकट्ठा करना था।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस को मनाने का उद्देश्य
हर साल सात दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस सेनाओं की बेहतरी के लिए धन इकट्ठा करने और देश की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन लोग शहीद हुए जवानों को याद करते हैं और उनके परिजनों की मदद के लिए आगे आते हैं।
सशस्त्र सेना झंडा दिवस महत्व
झंडा दिवस इसलिए अधिक महत्व रखता है क्योंकि यह मानता है कि देश के लिए लड़ने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों के परिवारों और आश्रितों की देखभाल करना भारत की नागरिक आबादी की जिम्मेदारी है। झंडा दिवस पर भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों शाखाएं, भारतीय सेना , भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना ,अपने कर्मियों के प्रयासों को आम जनता के सामने प्रदर्शित करने के लिए विभिन्न प्रकार के शो, कार्निवल, नाटक और अन्य मनोरंजन कार्यक्रमों की व्यवस्था करती हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरे देश में तीनों सेनाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लाल, गहरे नीले और हल्के नीले रंग के छोटे झंडे और कार झंडे दान के बदले में वितरित किए जाते हैं।
पीएम मोदी ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा ”सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर हम अपने बहादुर सैनिकों के साहस, प्रतिबद्धता और बलिदान का सम्मान करते हैं। हमारे राष्ट्र की रक्षा में उनका समर्पण अद्वितीय है। मैं आप सभी से सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान देने का भी आग्रह करता हूं”।