Anantnag-Rajouri Lok Sabha: लोकसभा चुनाव 2024 के अंतिम चरण का मतदान 1 जून को संपन्न हो गया। कौन बनेगा पीएम और किसके हाथ लगेगी सत्ता? ये सवाल देश के हर एक नागरिक के मन में उठ रहा है। हालांकि अब सभी को 4 जून का इंतजार है,जब चुनाव आयोग परिणाम की घोषणा करेगी।
वहीं, इस बार के चुनावी घमासान में जम्मू कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट भी काफी चर्चे में रही। परिसीमन के बाद यह सीट पहली बार अस्तीत्व में आई है। जम्मू कश्मीर के इतिहास में ऐसा पहली बार है कि जम्मू के राजौरी और पुंछ जिले के लोग कश्मीर घाटी के अनंतनाग और कुलगाम जिले के मतदाताओं के साथ मतदान किए।
महबूबा मुफ्ती और मियां अल्ताफ में कांटे की टक्कर
इस सीट पर पीडीपी की प्रमुख मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के (Anantnag-Rajouri Lok Sabha) मियां अल्ताफ और अपनी पार्टी से जफर इकबाल मन्हास के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस छोड़कर डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद की पार्टी भी यहां के चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर कुल 20 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां से सबसे ज्यादा वोट नेशनल कॉन्फ्रेंस/Hasnain Masoodi को मिले थे। वहीं, महबूबा मुफ्ती यहां से हार गई थीं। वहीं, 2004 और 2014 में महबूबा ने अनंतनाग से ही लोकसभा का चुनाव जीता था। गौरतलब है कि साल 2019 के चुनाव में जम्मू कश्मीर में लोकसभा की छह सीटे थीं। इनमें से तीन बीजेपी और तीन नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास थीं। बीजेपी ने जम्मू, उधमपुर और लद्दाख की सीट जीती थी।
ऐसी बनी अनंतनाग-राजौर सीट
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया था। इसके बाद बने केंद्र शासित राज्य जम्मू कश्मीर के लोकसभा क्षेत्रों का परिसीमन कराया गया, जिसके बाद अनंतनाग-राजौरी सीट अस्तित्व में आई। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में अनंतनाग लोकसभा सीट में कुलगाम, अनंतनाग, शोपियां और पुलवामा जिले के 16 विधानसभा क्षेत्र आते थे।