एपीएसईजेड देश की सबसे बड़ी प्राइवेट पोर्ट ऑपरेटर है। गुरुवार को कंपनी का शेयर 1.50 परसेंट की गिरावट के साथ 806.20 रुपये पर बंद हुआ। इस साल इसमें करीब दो फीसदी गिरावट आई है। कंपनी देश में 13 पोर्ट्स और टर्मिनल को ऑपरेट करती है। जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद कंपनी के शेयरों में काफी गिरावट आई थी और यह कई साल के न्यूनतम स्तर पर लुढ़क गया था। तीन फरवरी को इसकी कीमत 394.95 रुपये पर आ गई थी लेकिन उसके बाद से इसकी कीमत दोगुना से अधिक बढ़ चुकी है। कंपनी कोलंबो में एक प्रोजेक्ट बना रही है जिसके लिए अमेरिकी सरकार की एजेंसी फंड देने जा रही है।
कोलंबो वेस्ट इंटरनैशनल टर्मिनल प्राइवेट लिमिटेड में अडानी ग्रुप की 51% हिस्सेदारी है। अमेरिका सरकार की एजेंसी यूएस इंटरनैशनल डिवेलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन (DFC) इसमें 55.3 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगी। यह पहला मौका है जब अमेरिकी सरकार की कोई एजेंसी अडानी की किसी कंपनी में निवेश कर रही है। APSEZ ने कहा कि इस रकम का इस्तेमाल कोलंबो बंदरगाह में डीपवॉटर शिपिंग कंटेनर टर्मिनल के विकास के लिए किया जाएगा। अमेरिका, भारत और श्रीलंका स्मार्ट और ग्रीन पोर्ट जैसे टिकाऊ बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा देंगे।
APSEZ के फूल टाइम डायरेक्टर और सीईओ करन अडानी ने कहा-