आज ही के दिन यानी 1 दिसंबर, 1965 को सीमा सुरक्षा बल ( Border Security Force, BSF) की स्थापना हुई थी। आज बीएसएफ अपना 59वां स्थापना दिवस मना रहा है। पूरा देश बीएसएफ पर गौरवान्वित है। देश-प्रदेश के लोग घर में चैन की नींद लेते हैं तो इसमें बीएसएफ की बड़ी भूमिका है। सीमा पर दुश्मन देश के नापाक हरकतों पर 24×7 नजर रखते हुए जवाब देता है। देश की सीमाओं की रक्षा करता है। सीमा सुरक्षा बल भारत का एक प्रमुख सशस्त्र पुलिस बल है एवँ विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है। यह भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। इसकी जिम्मेदारी शांति के समय के दौरान भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, भारत भूमि सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध को रोकना है।
1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान सीमा प्रबंधन प्रणाली व्यक्तिगत राज्य पुलिस बलों के हाथों में थी और ये सीमा खतरों से ठीक से निपटने में असमर्थ साबित हुई। सरकार ने सीमा सुरक्षा बल को एक केंद्रीय एजेंसी के रूप में बनाया जो भारत की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा के विशिष्ट जनादेश के साथ था। भारतीय पुलिस सेवा से के एफ रुस्तमजी बीएसएफ के पहले महानिदेशक थे। 1965 तक पाकिस्तान के साथ भारत की सीमाएं राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन द्वारा बनाई गई थीं। पाकिस्तान ने 9 अप्रैल 1965 को कच्छ में सरदार पोस्ट, छार बेट, और बेरिया बेट पर हमला किया। इसने सशस्त्र आक्रामकता से निपटने के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस की अपर्याप्तता का खुलासा किया जिसके कारण भारत सरकार ने विशेष रूप से नियंत्रित सीमा सुरक्षा बल की आवश्यकता महसूस की। जिसे पाकिस्तान के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा बनाने के लिए सशस्त्र और प्रशिक्षित किया। सचिवों की समिति की सिफारिशों के बाद सीमा सुरक्षा बल 1 दिसंबर 1965 को के एफ रुस्तमजी के साथ अपने पहले महानिदेशक के रूप में अस्तित्व में आया।
1971 के भारत-पाकिस्तानी युद्ध में बीएसएफ की क्षमताओं का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में पाकिस्तानी ताकतों के खिलाफ किया गया था जहां नियमित बल कम फैल गए थे। बीएसएफ ने बांग्लादेश के लिबरेशन में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी जिसमें इंदिरा गांधी और शेख मुजीबुर रहमान ने भी स्वीकार किया था।
पीएम मोदी ने अपने एक्स पर बीएसएफ की सराहना करते हुए कहा ‘’बीएसएफ के स्थापना दिवस पर हम इस उत्कृष्ट बल की सराहना करते हैं जिसने हमारी सीमाओं के संरक्षक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। हमारे राष्ट्र की रक्षा में उनकी वीरता और अटूट भावना उनके समर्पण का प्रमाण है। मैं प्राकृतिक आपदाओं के मद्देनजर बचाव और राहत कार्यों के दौरान बीएसएफ की भूमिका की भी सराहना करना चाहूंगा”। @BSF_India