प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में नवनिर्मित स्वर्वेद महामंदिर के उद्घाटन समारोह में भाग लेते हुए कहा कि भारत के लिए समय का पहिया घूम गया है। पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि अब गुलामी की मानसिकता से दूर जाने का समय आ गया है। साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीयों को अपनी विरासत पर गर्व करना चाहिए।
सभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा ”सोमनाथ से शुरू हुआ काम अब एक अभियान बन गया’’। उन्होंने कहा स्वतंत्रता के बाद भारत के पुराने सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण आवश्यक था।
पीएम मोदी ने कहा ”गुलामी के कालखंड में भारत को कमजोर करने की कोशिश करने वाले तानाशाहों ने सबसे पहले हमारे प्रतीकों को निशाना बनाया। स्वतंत्रता के बाद इन सांस्कृतिक प्रतीकों का पुनर्निर्माण आवश्यक था।” उन्होंने कहा आज काशी में विश्वनाथ धाम की भव्यता भारत की अविनाशी महिमा की गाथा गा रही है। महाकाल महलोक हमारी अमरता का प्रमाण दे रहा है केदारनाथ धाम भी विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
पीएम मोदी ने दावा किया “अगर हमने अपनी सांस्कृतिक पहचान का सम्मान किया होता तो देश के भीतर एकता और स्वाभिमान की भावना मजबूत होती लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ। आज़ादी के बाद सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण का भी विरोध हुआ और ये सोच दशकों तक देश पर हावी रही।”
वाराणसी जिसे काशी के नाम से भी जाना जाता है जो प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह वह शहर है जिसने भारत की कला को गढ़ा और इसे अकल्पनीय ऊंचाइयों पर ले गया। पीएम मोदी ने कहा “यहां से ज्ञान और अनुसंधान के नए रास्ते खुले। उद्यमों एवं उद्योगों से जुड़ी असीमित संभावनाओं का जन्म हुआ। आस्था के साथ-साथ योग जैसे विज्ञान का भी विकास हुआ और यहीं से पूरे विश्व में मानवीय मूल्यों की अविरल धारा भी प्रवाहित हुई।”
पीएम मोदी ने कहा “अब बनारस का मतलब है विकास, अब बनारस का मतलब है आस्था के साथ आधुनिक सुविधाएं, अब बनारस का मतलब है स्वच्छता और बदलाव, बनारस आज विकास की अनूठी राह पर आगे बढ़ रहा है।”
इस बीच पीएम मोदी वाराणसी की दो दिवसीय यात्रा के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्र सेवापुरी में विकसित भारत संकल्प यात्रा में भाग लेंगे। वह काशी संसद खेल प्रतियोगिता 2023 के प्रतिभागियों द्वारा कुछ लाइव खेल कार्यक्रम भी देखेंगे। उसके बाद वह कार्यक्रम के विजेताओं के साथ बातचीत भी करेंगे। कार्यक्रम के दौरान वह विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से भी बातचीत करेंगे।
पिछले नौ वर्षों में प्रधानमंत्री ने वाराणसी के परिदृश्य को बदलने और वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए जीवनयापन को आसान बनाने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। इसी दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री करीब 20 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे।
प्रधानमंत्री करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से बने न्यू पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर-न्यू भाऊपुर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। जिन अन्य रेलवे परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा उनमें बलिया-गाजीपुर सिटी रेल लाइन दोहरीकरण परियोजना सहित इंदारा-दोहरीघाट रेल लाइन आमान परिवर्तन परियोजना शामिल है।