महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र को बॉम्बे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके बाद उनके लोकसभा चुनाव लड़ने पर संशय बना हुआ था। बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका खारिज होने के बाद नवनीत ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। उस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाते हुए नवनीत राणा को राहत दी है।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने किया था रद्द
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 8 जून 2021 को कहा था कि नवनीत ने मोची जाति का प्रमाणपत्र फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। बॉम्बे कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि वह सिख-चमार जाति से थीं। हाईकोर्ट ने उन पर 2 लाख रुपए जुर्माना भी लगाया था।
भाजपा ने बनाया है उम्मीदवार
दरसअल, नवनीत कौर को इस बार भाजपा ने अमरावती से लोकसभा का उम्मीदवार बनाया है। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस जे के माहेश्वरी और संजय करोल ने की। सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को रद्द कर दिया। नवनीत राणा ने अपने जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। अमरावती की सीट लोकसभा चुनाव के लिए अनसूचित जाति के लिए निर्धारित की गई है। जहां से उस निर्वाचन क्षेत्र का नवनीत कौर प्रतिनिधित्व करती है।
नवनीत राणा ने ट्वीट कर कहा असत्य पर सत्य की जीत हुई है।
— Navnit Ravi Rana (@navneetravirana) April 4, 2024