Pandit Deen Dayal Upadhyaya Birth Anniversary: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया और उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि हर कोई पंडित दीन दयाल के विजन और देश के निर्माण में उनके द्वारा की गई कड़ी मेहनत को याद रखे।
सीएम योगी ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म अवसर पर, मैं चाहता हूं कि आप सभी 70 साल पहले देश के निर्माण में उनके विजन और कड़ी मेहनत को याद करें। जब हम देश की प्रगति देखते हैं तो उनके सिद्धांतों पर अमल आज भी देखने को मिलता है।
गरीबों, किसानों, महिलाओं को सबसे ऊपर रखते थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय
सीएम योगी ने आगे कहा कि हम सभी जानते हैं कि वह हमेशा गरीबों, किसानों, महिलाओं के बारे में सोचते थे और उन्हें हमेशा सबसे ऊपर रखते थे। वह हमेशा सभी के प्रति सहानुभूति रखते थे और आत्मनिर्भरता के विजन का पालन करते थे। उनके विजन के कारण ही भारत के लोग घातक COVID-19 के दौरान संसाधनों का उचित लाभ उठा सके।
सीएम योगी ने कहा कि उनकी वजह से ही देश के गरीब लोग और किसान लाभ उठा पा रहे हैं। उन्होंने हमेशा देश को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया और उनके विजन पर चलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी देश को आगे बढ़ाने में सफल रहे हैं। उनके विजन की वजह से ही बीजेपी पार्टी कांग्रेस को हराने में सफल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण करना चाहता हूं और राष्ट्र निर्माण में उनके विजन का जश्न मनाना चाहता हूं।
राष्ट्रीय एकता और समाज के हर वर्ग की उन्नति के लिए समर्पित कर दिया पूरा जीवन
वहीं, सीएम योगी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हु्ए लिखा, ” अंत्योदय के उपासक, भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य, श्रद्धेय पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने अपना पूरा जीवन राष्ट्रीय एकता और समाज के हर वर्ग की उन्नति के लिए समर्पित कर दिया। उनका ‘एकात्म मानव दर्शन’ हम सभी को सांस्कृतिक विकास और समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े गरीब, वंचित और शोषित लोगों की सेवा के लिए असीम प्रेरणा देता है। आज उनकी जयंती पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि!”
कौन थे पंडित दीनदयाल उपाध्याय?
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को उत्तर प्रदेश की पवित्र ब्रज भूमि मथुरा में नगला चंद्रभान नामक गांव में हुआ था। वे एक महान भारतीय विचारक, संगठनकर्ता और राजनीतिक नेता थे।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय ने भारतीय समाज की जड़ों को मजबूत करने तथा देश के गरीब और वंचित लोगों के उत्थान के लिए आजीवन काम किया। उन्होंने “अंत्योदय” का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसका मतलब था समाज के सबसे निचले स्तर पर मौजूद व्यक्ति का उत्थान।
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1960 और 1970 के दशक में पंडित दीन दयाल ने गरीबों के सशक्तिकरण और आर्थिक सुधार पर जोर दिया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने यह मान्यता दी कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति का विकास नहीं होता, तब तक समाज का पूरी तरह से विकास संभव नहीं हो सकता है। इस विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के चलते उनके जन्मदिन को अंत्योदय दिवस के रूप में मनाया जाता है।