Akbarnagar Bulldozer Action: इस लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सीटें भले ही कम हो गई हों, लेकिन बाबा का एक्शन लगातार जारी है। बाबा के काम करने का स्टाइल बिल्कुल भी नहीं बदला है। तभी तो बाबा का बुलडोजर भी रूकने का नाम नहीं ले रहा है। बाबा ने सिर्फ 9 दिनों के अंदर ही अकबरनगर के लोगों की अकड़ ढीली कर दी है, जहां अवैध मस्जिदों पर बाबा का बुलडोजर चला। वहीं पूरा का पूरा अकबरनगर साफ कर दिया गया और महज 9 दिनों में ही 1800 अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाया गया। हालांकि, वहां रह रहे लोगों को पक्के घर भी दिए गए हैं, लेकिन सभी अवैध निर्माण को हटा दिया गया।
दरअसल, अकबरनगर में 9 दिन से चल रहे बुलडोजर से करीब 1800 अवैध मकान, दुकान और कॉम्प्लेक्स को जमींदोंज कर दिया गया। साथ ही धार्मिक स्थलों पर भी बुलडोजर चलाया गया है, जिन्हें पहले छोड़ा गया था। इलाके में बस चारों तरफ मलबा ही मलबा दिख रहा है। बता दें, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का ये बुलडोजर विकास कार्यों के लिए चला है। अवैध निर्माणों को तोड़कर ईको टूरिज्म तैयार किया जाएगा। इसके अलावास, लखनऊ में स्थित चिड़ियाघर को भी शिफ्ट करने की प्लानिंग चल रही है।
गौरतलब है कि कुकरैल नदी की जमीन पर कब्जा कर लोगों ने कॉम्प्लेक्स, शोरूम, दुकानें और बड़ी संख्या में घर बना लिए थे। इसी बीच कुकरैल नदी के सौन्दर्यीकरण का शासन की तरफ से आदेश आया। इस दौरान जब सर्वे किया गया तो पता चला कि पूरा अकबरनगर नदी की जमीन पर ही बसा हुआ है। इसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण ने पहले ही ध्वस्तीकरण के लिए नोटिस दे दिया था। इस दौरान कोई भी जमीन के मालिकाना हक का दस्तावेज भी पेश नहीं कर पाया, जिसके बाद प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण का आदेश पास कर दिया।
वहीं, इस फैसले के खिलाफ लोग हाईकोर्ट चले गएस लेकिन जब हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली तो सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी अवैध कब्जा करने वाले लोगों को राहत नहीं दी। अदालत के आदेश का पालन करते हुए 10 जून को इलाके में बुलडोजर पहुंचा और फिर ध्वस्तीकरण का काम शुरू हुआ और लगातार 18 तारीख तक चला। अवैध बने 1169 आवास और 101 कॉमर्शियल निर्माण ध्वस्त किए गए। दिसंबर 2023 से अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हुआ था। अभियान में करीब 24.5 एकड़ जमीन पर बने 1800 से अधिक अवैध निर्माण जमींदोज हुए हैं।
योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट
दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट, कुकरैल नदी पर बनने वाला रिवर फ्रंट, लखनऊ में एक प्रमुख विकास परियोजना के रूप में उभर रहा है। इस परियोजना पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कोई भी अधिकारी इसमें लापरवाही नहीं करना चाहता। रिवर फ्रंट की प्लानिंग के मुताबिक, बारिश के पानी को इकठ्ठा करके कुकरैल नदी में भरा जाएगा। इसके अलावा, शारदा नहर का पानी भी नदी में छोड़ा जाएगा, ताकि जल स्तर को बनाए रखा जा सके। साथ ही नदी की 6 किलोमीटर लंबाई के साथ एक झील को भी विकसित किया जाएगा।
सुन्दरता को चार चांद लगाएगा ये प्रोजेक्ट
जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार उस एजेंसी के साथ एक समझौता करेगी, जिसने अहमदाबाद में साबरमती रिवर फ्रंट के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस समझौते से कुकरैल नदी पर बनने वाला रिवर फ्रंट भी उसी गुणवत्ता और भव्यता के साथ तैयार किया जाएगा। इस ड्रीम प्रोजेक्ट के माध्यम से लखनऊ में पर्यटन और स्थानीय विकास को नया आयाम मिलेगा, और यह शहर की सुंदरता में चार चांद लगाएगा।