आज अमावस्या तिथि है अब से कुछ देर बाद साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा। इस सूर्य ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा जिस कारण से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूर्य ग्रहण रात 08 बजकर 34 मिनट से शुरू हो जाएगा। जो देर रात 02 बजकर 24 मिनट तक चलेगा।
ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान लगातार मंत्रों का जाप करने से भगवान पर ग्रहण का कष्ट कम होता है। इसके अलावा मंत्रों के जाप करने से ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम रहता है।
सूर्य ग्रहण के लगने से 12 घंटे पहले से सूतक काल प्रभावी हो जाता है। शास्त्रों में सूतक काल को अच्छा नहीं माना जाता है। इस दौरान किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है। सूर्यग्रहण के दौरान मंदिरों के दरवाजों को बंद कर दिया जाता है। सिर्फ मंत्रों का जाप किया जाता है। भारत में इस ग्रहण का सूतक नहीं रहने के कारण धर्म-कर्म करने में किसी भी तरह की कोई बाधा नहीं रहेगी।
आज लगने वाला साल का आखिरी सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा लेकिन यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इस सूर्य ग्रहण के दौरान पृथ्वी से सूर्य का नजारा देखने पर सूर्य के बीच वाले हिस्से में एक काली आकृति नजर आएगी और बाहरी वाले हिस्से में आग का छल्ला नजर आएगा। इसे अंग्रेजी में रिंग ऑफ फायर के नाम से जाना जाता है। दरअसल सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाएगा जिस कारण से इस कंकणाकृति सूर्य ग्रहण के नाम से जाएगा। भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा।
आज लगने वाले सूर्य ग्रहण का असर भारत में नहीं होगा और किसी भी तरह की कोई भी पाबंदी नहीं रहेगी। रोज की तरह ही सभी कार्य और पूजा-पाठ होंगे। लेकिन सूर्य ग्रहण के दौरान सावधानियां बरतनी चाहिए। भगवान की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए। घर के मंदिरों के कपाट बंद कर देना चाहिए ताकि भगवान पर ग्रहण का असर ना हो सके। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को ना तो ग्रहण देखना चाहिए और ना ही घर के बाहर। सूतक लगने पर और ग्रहण के दौरान सबसे ज्यादा नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं। ग्रहण में कभी भी श्मशान घाट में नहीं जाना चाहिए। सूतक लगने पर किसी भी तरह का कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। ग्रहण के दौरान बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए। ग्रहण के दौरान न ही कुछ खाना चाहिए और न ही खाना बनाना चाहिए।