प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को अयोध्या के भव्य श्रीराम मंदिर में आयोजित रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे। राम जन्म भूमि निर्माण समिति के सदस्यों ने बुधवार को पीएम मोदी से मुलाकात की। मुलाकात करने वालो में चंपत राय, नृपेन्द्र मिश्रा, गोविद गिरी समेत 4 लोग शामिल रहे। राम जन्म भूमि निर्माण समिति के सदस्यों ने पीएम मोदी से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल होने का अनुरोध किया था जिसे पीएम मोदी ने स्वीकार कर लिया है। श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने अयोध्या में राम मंदिर के ‘गर्भगृह’ में भगवान राम की मूर्ति की स्थापना के लिए 22 जनवरी, 2024 की तारीख की आधिकारिक पुष्टि की। इस दिन मंदिर के अंदर भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी। 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद राम लला के अभिषेक की प्रक्रिया शुरू करने और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का 10 दिवसीय अनुष्ठान करने का निर्णय लिया गया है।
राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण स्वीकार करने की जानकारी पीएम मोदी ने X पर भी दी। पीएम ने लिखा “जय सियाराम! आज का दिन बहुत भावनाओं से भरा हुआ है। अभी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी मुझसे मेरे निवास स्थान पर मिलने आए थे। उन्होंने मुझे श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर अयोध्या आने के लिए निमंत्रित किया है। मैं खुद को बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि अपने जीवनकाल में, मैं इस ऐतिहासिक अवसर का साक्षी बनूंगा।”
इससे पहले 5 अगस्त 2020 को पीएम मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी थी। ट्रस्ट के सूत्रों ने कहा कि स्थापना समारोह के दौरान लगभग 10,000 लोगों को मंदिर परिसर के अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी जबकि देश भर के सभी प्रमुख मंदिरों में समारोह आयोजित किए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 2019 के फैसले में अयोध्या में विवादित स्थल पर एक ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के चंपक राय ने बताया कि जनवरी में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा में पीएम के अलावा देशभर से प्रमुख साधु-संत और जानी-मानी हस्तियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। विभिन्न राजनीतिक दलों के अतिथियों को भी आमंत्रित किया जाएगा। ट्रस्ट ने समारोह के लिए 136 सनातन परंपराओं के 25,000 से अधिक हिंदू धार्मिक नेताओं को आमंत्रित करने की योजना बनाई है। चंपक राय ने बताया कि मुख्य कार्यक्रम गैर राजनीतिक रखने की कोशिश रहेगी। कार्यक्रम में कोई मंच नहीं होगा न ही कोई सार्वजनिक मीटिंग होगी। रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने का महोत्सव पूरे देश में मनाया जाएगा। इसके लिए ट्रस्ट राम भक्तों से अपील कर देश के हर मठ मंदिर में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन के लिए कहेगा।
प्रधानमंत्री के अयोध्या दौरे से पहले कुछ मुस्लिम नेताओं ने प्रधानमंत्री से नई बाबरी मस्जिद की आधारशिला भी रखने का अनुरोध किया है। 2019 में अयोध्या भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले में कहा गया कि 2.77 एकड़ विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण किया जाएगा और मुसलमानों को बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए धन्नीपुर में वैकल्पिक 5 एकड़ जमीन दी जाएगी। जहां मंदिर निर्माण के लिए ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ का गठन किया गया वहीं मस्जिद के निर्माण की देखरेख के लिए ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ का गठन किया गया। इंडियन मुस्लिम लीग के अध्यक्ष मोहम्मद इस्माइल अंसारी ने कहा “हमारे प्रधानमंत्री एक शुभ अवसर पर अयोध्या आ रहे हैं। हम उनसे मस्जिद पर भी काम शुरू करने का अनुरोध करते हैं यह हमारी हार्दिक इच्छा है।” इंडियन मुस्लिम लीग के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष नजमुल हसन गनी ने प्रधानमंत्री मोदी से जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी और अखिल भारतीय इमाम संगठन के अध्यक्ष डॉ. इलियासी को साथ आने और धन्नीपुर मस्जिद की आधारशिला रखने का अनुरोध किया।