प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इस बात पर प्रकाश डाला कि भव्य राम मंदिर भारत की “प्रगति” और “उदय” का गवाह होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, “यह भव्य राम मंदिर विकसित भारत के उत्थान का गवाह बनेगा।”
देश को 2047 तक विकसित बनाने का संकल्प लेने वाले नए भारत के साथ राम मंदिर को जोड़ते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से सामूहिक रूप से संगठित रूप में काम करने का आग्रह किया ताकि लक्ष्य हासिल किया जा सके जो देश को मिलने वाली शक्ति से उचित होगा।
“यह भारत का समय है और भारत आगे बढ़ने वाला है। सदियों के इंतजार के बाद हम यहां तक पहुंचे हैं। इस युग, इस कालखंड का हम सभी ने इंतजार किया है। अब हम नहीं रुकेंगे। हम विकास की ऊंचाइयों को छूकर रहेंगे।”
श्री राम के हर कार्य में श्री हनुमान की उपस्थिति की बात कहते हुए प्रधानमंत्री ने श्री हनुमान और हनुमान गढ़ी को नमन किया।
उन्होंने लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न और माता जानकी को भी प्रणाम किया। उन्होंने इस घटना पर दिव्य संस्थाओं की उपस्थिति को स्वीकार किया।प्रधानमंत्री ने आज का दिन देखने में हुई देरी के लिए प्रभु श्री राम से माफी मांगी और कहा कि आज वह खालीपन भर गया है, निश्चित रूप से श्री राम हमें माफ कर देंगे।
प्रधानमंत्री ने ‘त्रेता युग’ में संत तुलसीदास के श्री राम की वापसी को याद करते हुए उस खुशी को याद किया जो उस समय की अयोध्या को महसूस हुई होगी। उन्होंने कहा, “तब श्री राम का वियोग 14 वर्षों तक चला और तब भी असहनीय था। इस युग में अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा।” संविधान की मूल प्रति में श्रीराम मौजूद होने के बावजूद आजादी के बाद लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई।
प्रधानमंत्री ने “न्याय की गरिमा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए भारत की न्यायपालिका को धन्यवाद दिया। न्याय के अवतार, श्री राम के मंदिर का निर्माण उचित माध्यमों से किया गया। प्रधानमंत्री ने बताया कि छोटे-छोटे गांवों समेत पूरे देश में जुलूस निकल रहे हैं और मंदिरों में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, “पूरा देश आज दिवाली मना रहा है। हर घर शाम को ‘राम ज्योति’ जलाने के लिए तैयार है।”
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में राम लला की मूर्ति का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में किया गया, जिन्होंने समारोह का नेतृत्व किया।
प्रधानमंत्री लाल मुड़े हुए दुपट्टे पर चांदी का ‘छत्तर’ (छाता) रखकर मंदिर परिसर के अंदर चले गए।
अनुष्ठान के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी गर्भगृह में मौजूद थे।
समारोह आयोजित होने पर भक्तों और मेहमानों ने ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए।