Delhi Electricity Demand: राजधानी दिल्ली में प्रचंड गर्मी पड़ रही है। गर्मी का असर दिल्ली में बिजली की मांग पर देखा जा रहा है। साल 2024 में दिल्ली में बिजली की खपत ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। राजधानी दिल्ली में बुधवार को बिजली की खपत 8000 मेगावट को पार कर गई। दिल्ली के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब बिजली की इतनी खपत देखने को मिली हो। इससे पहले दिल्ली में 22 मई 2014 को दिल्ली में बिजली की खपत करीब 8000 मेगावाट थी। वहीं, 29 जून 2022 को दिल्ली में बिजली की खपत 7695 दर्ज की गई थी।
स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर(दिल्ली) द्वारा जानकारी दी गई है कि दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग बुधवार को 8000 मेगावाट तक पहुंच गई। यह डाटा दोपहर 3.42 बजे तक का है।
हाल ही दिल्ली-एनसीआर में लू का कहर देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट कर रखा है। आने वाले कुछ दिनों तक लोगों को गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
यह एक दिन पहले दर्ज 7717 मेगावाट के आंकड़े को पार कर गई। इससे पहले साल 2022 में 7695 मेगावाट की मांग दर्ज की गई थी।
दिल्ली में लगातार पांचवें दिन बिजली की मांग 7000 मेगावाट के पार
आपको बता दें कि यह लगातार पांचवां दिन है, जब दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग 7000 मेगावाट को पार कर गई है। इस ने 19 मई, 2022 को दर्ज किए गए 7070 मेगावाट के पिछले उच्च स्तर को भी पीछे छोड़ दिया है।
कुछ विशेषज्ञों ने बताया कि बिजली की मांग में वृद्धि की मुख्य वजह गर्म मौसम है। लोगों ने एसी और कूलर का उपयोग करना शुरू कर दिया है, जिससे बिजली की खपत बढ़ गई है।
एसएलडीसी ने बढ़ती बिजली की खपत को देखते हुए अनुमान लगाया था कि इस साल गर्मियों में दिल्ली की अधिकतम बिजली मांग पहली बार 8000 मेगावाट को पार कर सकती है, जो 8200 मेगावाट तक जा सकती है। पिछले साल की गर्मियों में अधिकतम मांग 7438 मेगावाट थी।
SLDC ने जारी की प्रेस रिलीज
एसएलडीसी की आधिकारिक प्रेस रिलीज में कहा गया है कि बीआरपीएल के दक्षिण और पश्चिमी दिल्ली क्षेत्र में अधिकतम बिजली की मांग, जो 2022 और 2023 में 3389 मेगावाट और 3250 मेगावाट थी, इस साल लगभग 3680 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। बीवाईपीएल के पूर्वी और मध्य दिल्ली क्षेत्र में, अधिकतम बिजली की मांग, जो 2022 और 2023 की गर्मियों के दौरान क्रमशः 1752 मेगावाट और 1670 मेगावाट तक पहुंच गई थी, इस साल लगभग 1860 मेगावाट तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है।
आधिकारिक प्रेस रिलीज में यह भी बताया गया है कि बीएसईएस क्षेत्र में गर्मी के महीनों के दौरान बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए लगभग 2100 मेगावाट हरित बिजली महत्वपूर्ण होगी। इसमें SECI से लगभग 840 मेगावाट सौर ऊर्जा, 500 मेगावाट पवन ऊर्जा, 40 मेगावाट अपशिष्ट से ऊर्जा शामिल है। बीएसईएस के प्रयासों को दक्षिण, पश्चिम, पूर्व और मध्य दिल्ली में छतों पर स्थापित 160 मेगावाट से अधिक रूफटॉप सौर ऊर्जा से भी मदद मिल रही है।
बिना कट के पीक डिमांड को पूरा किया : केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने बिना पॉवर कट के इस पीक डिमांड को पूरा किया है। ये दिल्ली के लोगों की बहुत बड़ी उपलब्धि है।वहीं यूपी, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्य हैं, जहां पिछले 2-3 दिनों में 10-12 घंटे का कट लग रहा है।