प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दशहरा के अवसर पर दिल्ली के द्वारका की रामलीला मैदान में विजयदशमी के कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे। रामलीला कार्यक्रम में पहुंचकर पीएम मोदी ने पहले पूजा अर्चना की। पीएम मोदी ने जूते उतारकर राम-सीता-लक्ष्मण की पूजा की। पीएम मोदी ने रामसीता-लक्ष्मण की आरती के बाद देश को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दशहरा के अवसर पर दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 में ‘रावण दहन’ किया । उन्होंने इस मौके पर कहा कि ‘मैं समस्त भारतवासियों को शक्ति उपासना पर्व नवरात्रि और विजय पर्व विजयादशमी की अनेक अनेक शुभकामनाएं देता हूं। विजया दशमी का ये पर्व अन्याय पर न्याय की विजय, अहंकार पर विनम्रता की विजय और आवेश पर धैर्य की विजय का पर्व है।’ द्वारका रामलीला ग्राउंड में पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि हम इस बार विजयदशमी मना रहे हैं जब चंद्रमा पर हमारी विजय को दो महीने पूरे हुए हैं। विजयदशमी पर शस्त्र पूजा का भी प्रावधान है शस्त्रों की पूजा आधिपत्य के लिए नहीं रक्षा के लिए की जाती है।
पीएम ने कहा कि हमारी शक्ति पूजा पूरे विश्व की समृद्धि के लिए है। हम गीता का ज्ञान जानते हैं और यह भी जानते हैं कि आईएनएस विक्रांत और तेजस का निर्माण कैसे किया गया। हम भगवान राम की मर्यादा को जानते हैं और अपनी सीमाओं की रक्षा करना भी जानते हैं। पीएम ने कहा आज रावण दहन सिर्फ पुतले का दहन ना हो ये दहन हर उस बुराई का दहन हो जो समाज का आपसी सौहार्द बिगाड़ते हैं। ये दहन हो उन शक्तियों का जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर देश को बांटने की कोशिश करती हैं।
पीएम ने कहा “राम मंदिर के निर्माण में अब बस कुछ ही दिन बचे हैं। जल्द ही राम मंदिर में भगवान राम की मूर्ति विराजमान होगी। आज हमें सौभाग्य मिला है कि हम भगवान राम का भव्यतम मंदिर बनता देख पा रहे हैं। अयोध्या की अगली रामनवमी पर रामलला के मंदिर में गूंजने वाला हर स्वर पूरे विश्व को हर्षित करने वाला होगा।”
प्रधानमंत्री ने ‘भय प्रकट कृपाला’ का उल्लेख भी किया। पीएम मोदी ने इस दौरान कहा कि विजयदशमी भगवान राम की वापसी के समान है। भारत में शगुन हो रहे हैं हम चांद पर पहुंच गए, हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं, नया संसद भवन बन गया है, महिला आरक्षण विधेयक पारित हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के भाग्य का उदय होने जा रहा है। ऐसे समय में भारत को सतर्क रहना ज्यादा जरूरी है। पीएम ने अपील की कि रावण के दहन के रूप में बस एक पुतले का दहन ना करें हर उस बुराई को समाप्त करें जो देश के सौहार्द को तोड़ती है।