इजरायल और फिलीस्तीन के बीच निरंतर संघर्ष जारी है। आतंकी संगठन हमास द्वारा किये गये हमलों का इजरायल मुंह तोड़ जवाब दे रहा है। दोनों देशों के बीच हो रही बमबारी के चलते मरने वालों की संख्या 1100 के पार पहुंच चुकी है। जहां अब तक हमास के हमलों में करीब 700 इजरायलियों की मौत हुई है और 1900 से ज्यादा घायल हैं वहीं इजरायल की जवाबी कार्रवाई में 450 से ज्यादा फिलीस्तिनियों की जान गई है और करीब 2300 घायल हैं।
सूत्रों के मुताबिक दोनों देशों के बीच हो रहे लगातार जवाबी हमले के कारण इजराइल के मूल नागरिक, टूरिस्ट और विदेशी स्टूडेंट्स की भी मौत की खबर सामने आई है। इजराइल की टॉप यूनिवर्सिटीज में एडमिशन पाने के लिए भारत समेत कई देशों के स्टूडेंट्स बड़ी तादाद में अप्लाई करते हैं। मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स के मुताबिक कुल 1,218 भारतीय स्टूडेंट्स के पास इजराइल में पढ़ने का वीजा है।
इजरायल और हमास के बीच चल रहे जंग को लेकर कई मुल्कों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। पीएम मोदी ने हमलों की निंदा करते हुए कहा, “इजराइल में आतंकवादी हमलों की न्यूज़ से स्तब्ध हूं। निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं। इस कठिन वक्त में हम इजराइल के साथ एकजुटता से खड़े हैं।”
AIMIM चीफ और लोकसभा सांसद असद्दुीन ओवैसी ने भी इस हमले को लेकर सोशल मीडिया पर लिखा, “दुआ करता हूं कि फिलिस्तीन के कब्जे वाले इलाकों में शांति बनी रहे।”
जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “किसी भी हालत में जंग बुरी होती है। इसमें आवाम का ही नुकसान होता है। कितने बेगुनाह मारे गए। अफसोस ये है कि संयुक्त राष्ट्र (UN) फेल हो गई है। फिलिस्तीन का किस्सा सालों से पड़ा हुआ है उसका समाधान नहीं कर रहे।”
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने अपने ऑफिशियल एक्स पर लिखा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इजराइल-फिलिस्तीनी संघर्ष के प्रति दुनिया को जागरूक होने के लिए ऐसी मौत और विनाश की जरूरत पड़ती है। साल-दर-साल गगनभेदी चुप्पी कायम रखी जाती है, क्योंकि निर्दोष फिलिस्तीनियों की हत्या कर दी जाती है और उनके घरों को नष्ट कर दिया जाता है।”
दानिश अली ने एक्स पर लिखा, “इजराइल और गाजा में हमलों और जवाबी हमलों की कड़ी निंदा करता हूं। संयुक्त राष्ट्र इस युद्ध को फौरन रोके, स्थाई शांति के लिये फिलिस्तीनी भूमि से सभी अवैध इजराइली बस्तियों को हटाये और फिलिस्तीनियों के जायज अधिकारों को सुनिश्चित करे।”