बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर पानी की बौछारों के इस्तेमाल को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन किया।
मानदेय बढ़ोतरी की मांग को लेकर विधानसभा का घेराव करने के दौरान आज आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए उन पर पानी की बौछारें की गईं।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक तारकिशोर प्रसाद ने आरोप लगाया कि जब लोग अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर निकलते हैं तो पटना में उनकी पिटाई की जाती है। उन्होंने कहा “आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आई हैं लेकिन पानी की बौछारों की मदद से उन्हें तितर-बितर किया जा रहा है। आपने अलग-अलग कर्मचारियों पर लाठीचार्ज होते देखा होगा। यह सरकार अहंकारी है उन्हें किसी की परवाह नहीं है। इसके नेता और सह-नेता प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। वे इससे बाहर नहीं आ पा रहे हैं और बिहार आज जल रहा है”।
बीजेपी नेता शहजाद पूनावाला ने भी ‘जंगल राज सरकार’ की आलोचना की। ‘अधूरे वादों’ को लेकर बिहार सरकार की आलोचना करते हुए भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा ”नीतीश बाबू के नेतृत्व वाली जंगल राज सरकार अब लाठी-डंडा सरकार बन गई है और हर लोकतांत्रिक विरोध का जवाब क्रूर बल से दिया जाता है।” समाज का हर वर्ग विरोध कर रहा है और सड़कों पर है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने मानदेय और सरकारी कर्मचारी का दर्जा बढ़ाने की मांग कर रही हैं। कर्मियों ने कहा कि राज्य सरकार से उनकी पांच मांगें हैं जिनमें सरकारी कर्मचारी का दर्जा और मानदेय में बढ़ोतरी सर्वोच्च प्राथमिकता है। आंगनबाडी सेविकाओं ने दावा किया सुप्रीम कोर्ट ने भी सेविकाओं को ग्रेच्युटी का लाभ देने का निर्देश दिया था लेकिन बिहार सरकार इस पर विचार नहीं कर रही है।