लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण के अगले ही दिन बिहार के छपरा जिले में जबरदस्त हंगामा हुआ था। दरअसल, आरजेडी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के झड़प में एक व्यक्ति की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस घटना के तुरंत बाद ही चुनाव आयोग ने नगर थानेदार को निलंबित कर दिया था। इसके बाद फिर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के दो सुरक्षाकर्मियों को भी निलंबित कर दिया गया। बाद में सारण के एसपी गौरव मंगला का भी सारण से ट्रांसफर कर दिया गया। एसपी गौरव मंगला के बाद मुजफ्फरपुर के रेल एसपी डॉ. कुमार आशीष को सारण का नया एसपी न्युक्त किया गया हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि चुनाव आयोग ने आखिरकार क्यों डॉ. कुमार आशीष को ही सारण का नया एसपी चुना?
आपको बता दें कि बिहार के सारण लोकसभा सीट देश के हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है। इस सीट पर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य और बीजेपी के मौजूदा सांसद राजीव प्रताप आमने -सामने खड़े हैं। 20 मई को बिहार में पांचवे चरण के चुनाव के अगले दिन ही 21 मई को बिहार के छपरा में गोलीकांड हो गया। सालों बाद बिहार में ऐसा गोलीकांड हुआ है। मामले की गंभीरता को को देखते हुए चुनाव आयोग ने सारण के एसपी का तबादला कर दिया है।
सारण के नए एसपी डॉ कुमार आशीष मुजफ्फरपुर से हाजीपुर, सीवान, छपरा, मोतिहारी, पूर्वी चंपारण और बेतिया से अच्छी तरह परिचीत है। डॉ आशीष के नेतृत्व में प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों का स्थल निरीक्षण, आरपीएफ के द्वारा ट्रेन कोचेज,रेलवे स्टेशनों पर सघन तलाशी अभियान जैसे कई काम किए गए हैं। डॉ कुमार आशीष ने पिछले साल ही जेएनयू से डॉक्टरेट की डिग्री ली है। आशीष को पढ़ने के साथ-साथ पढ़ाने का भी शौक है। उन्होंने मुजफ्फरपुर रेल एसपी रहते भर में स्टेशन पर डॉ कुमार आशीष ने स्टेशन पर घूमने वाले लावारिस बच्चों को पढ़ाने के लिडए की रेल पुलिस पाठशाला की शुरूआत की थी। इस पाठशाला में प्लेटफार्म पर भटकने वाले लावारिस और जरूरतमंद बच्चों को फ्री में शिक्षा दी जाती है। समय मिलने पर डॉ आशीष खुद बच्चों को पढ़ाया करते थे। बता दें कि इन बच्चों को फ्री में बैग, किताब, कॉपी, स्लेट, पेंसिल और पेन प्रदान कीयी जाता है। स्टेशन पर शिक्षा प्रदान करने के बाद बच्चों को आस-पास के सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवा दिया जाता है।
एक मीडिया चैनल से बात करते हुए डॉ आशीष ने कहा,”इन बच्चों को फ्री में अच्छी शिक्षा और संस्कार मिले। इसलिए मैंने इस पाठशाला की शुरूआत की है। आगे इन बच्चों का सरकारी स्कूल में एडमिशन भी कराया जाएगा ताकि यह बच्चे सही रास्ते पर चले। अपराध की दुनिया में न प्रवेश न करें। भविष्य में ये बच्चे पुलिस और प्रशासन के मददगार साबित हो और एक अच्छे नागरीक बने।
भारतीय पुलिस सेवा के 2012 के अधिकारी डॉ कुमार आशीष की पहचान बेहद ही मिलनसार और धरती से जुड़े रहने वाले अधिकारी के तौर पर की जाती है। सारण एसपी का पदभार ग्रहण करने से पहले वह मुजफ्फरपुर के रेल एसपी, मोतिहारी में ट्रेनी एसपी और फिर 2014 में मधेपुरा एसपी के बाद नालंदा के एसपी के पद पर भी काम कर चुके हैं। छपरा गोलीकांड के बाद वह स्थिति को नियत्रंण करने में लगे है। साथ हाँ वह 4 जून को मतगणना को लेकर रणनीति भी बना रहे हैं, ताकि कोई भी गड़बड़ न हो।