कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने हाल ही में हुए विधानसभा 2023 वाले चुनाव पर सवाल उठाए दिए हैं। EVM से वोटिंग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए कहा कि मतदान की गणना वीवीपैट की पर्ची से ही होना चाहिए। वोटिंग ईवीएम से ही होना चाहिए लेकिन वोटिंग के बाद जो पर्ची वीवीपैट में डलती है उसे लोगों के हाथ में ही देना चाहिए। जिन लोगों ने मतदान किया है वही एक अलग बॉक्स में उस पर्ची को डालें। यह देश के 90 करोड़ मतदाताओं का अधिकार है। पेटी में डाली गई पर्चियों की काउंटिंग करें और फिर उससे चुनाव परिणाम घोषित किए जाएं।
इंदौर आए दिग्विजय सिंह ने बुधवार सुबह ईवीएम हटाओ देश बचाओ, लोकतंत्र बचाओ लिखते हुए ट्वीट भी किया। इसमें उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट किया कि निर्वाचन आयोग विपक्ष की बैठक में बाधा क्यों डाल रहा है? हम उस चुनाव आयोग पर कैसे भरोसा करें जो प्रमुख विपक्षी दलों से मिलने से ही इनकार करता है? आयोग और अधिक पारदर्शी क्यों नहीं हो सकता। उन्होंने पूछा कि अगर यह इतना सुरक्षित है कि कोई भी इसे हैक या हेरफेर नहीं कर सकता है तो सार्वजनिक डोमेन में चिप पर सोर्स कोड क्यों नहीं ला सकता है।
दिग्विजयसिंह ने कहा कि कोई सॉफ्टवेयर बिल्कुल इस प्रकार का हो सकता है कि दिखे कुछ और छपे कुछ। दिग्विजय ने आईआईटी दिल्ली के छात्र और पूर्व केंद्रीय मंत्री के बेटे द्वारा किए गए प्रयोग का हवाला भी दिया। कहा कि इस छात्र के पिता केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने प्रयोग किया है। हम जब बटन दबाते हैं तो दिखता तो वही चुनाव चिह्न है लेकिन छपता कुछ और है।
दिग्विजय ने कहा भाजपा को पहले से कैसे पता चल जाता है कि कितनी सीटें मिलेंगी। गुजरात चुनाव 2012 में कहा कि बहुमत मिलेगा और 2014 में सरकार बन गई। 2019 में कहा कि 300 पार सीटें लाएंगे, 303 मिल गई।