पीएम मोदी ने मंगलवार की सुबह न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू दिया। इस इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने दिल्ली के मुख्यनमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर कहा कि उन्हें कहें संविधान पढ़ लें। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आरोप पर कि पीएम मोदी ने उन्हें जेल भेजा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “बेहतर होगा कि ये लोग संविधान पढ़ लें, देश के कानून पढ़ लें, मुझे किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं है।”
धारा 370 हटाने के फैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “धारा 370 सिर्फ 4-5 परिवारों का एजेंडा था, ये न तो कश्मीर के लोगों का एजेंडा था और न ही देश के लोगों का एजेंडा था। अपने फायदे के लिए उन्होंने 370 की ऐसी दीवार बनाई थी और कहते थे कि 370 हटाओगे तो आग लग जाएगी…आज ये सच हो गया है कि 370 हटने के बाद और एकता का एहसास हो रहा है। कश्मीर के लोगों में अपनेपन की भावना बढ़ रही है और इसलिए इसका सीधा परिणाम चुनाव, पर्यटन में भी दिख रहा है…”
कश्मीर में रिकॉर्ड वोटिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “मैं चाहूंगा कि कश्मीर की जो स्थिति बदली है उसके संदर्भ में मैं सबसे पहले देश के न्यायतंत्र को प्रार्थना करना चाहता हूं। सरकार के काम करने की रणनीति होती है। उसके लिए कभी मुझे इंटरनेट बंद करना पड़ा, कोई NGO कोर्ट चला गया और कोर्ट में वे मुद्दा बन गया। भले मैंने कुछ समय के लिए इंटरनेट बंद किया था लेकिन आज वहां के बच्चे बहुत गर्व के साथ कहते हैं कि 5 साल से इंटरनेट बंद नहीं हुआ है। 5 साल से हमें सब सुविधाएं मिल रही हैं। कुछ दिन तकलीफ हुई लेकिन अच्छे काम के लिए हुई थी। जो ऐसे NGO हैं जिन्होंने अदालतों के भरोसे लड़ाई शुरू की है उनसे देश को बचाना बहुत जरूरी है।”
2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी OBC प्रमाणपत्रों को रद्द करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया, “उनके पास एक कार्यप्रणाली है। सबसे पहले, उन्होंने आंध्र प्रदेश में कानून बनाकर इसे अल्पसंख्यकों को देने का पाप शुरू किया, वे हार गए। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया क्योंकि संविधान इसकी अनुमति नहीं देता है इसलिए उन्होंने चतुराई से पिछले दरवाजे से खेल शुरू किया और इन लोगों ने रातों-रात मुस्लिमों की सभी जातियों को ओबीसी बना दिया और ओबीसी से उनके अधिकार छीन लिए…जब हाई कोर्ट का फैसला आया तो साफ हो गया कि इतना बड़ा फर्जीवाड़ा हो रहा है लेकिन उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि वोट बैंक की राजनीति के लिए अब वो न्यायपालिका का भी दुरुपयोग कर रहे हैं… ये स्थिति किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं हो सकती।”