Sunetra Pawar Rajyasabha Nomination: अजीत पवार की पार्टी के नेताओं के बीच अनबन बनी हुई है। इसी बीच एक खबर सामने आई है कि एनसीपी प्रमुख अजीत पवार ने अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने नामाकंन भी कर दिया है, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है। क्योंकि, वह पहले से ही राज्यसभा जाने के लिए मन बना चुके थे। इस फैसले पर छगन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब पार्टी ने ‘सर्वसहमति’ से सुनेत्रा पवार को राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है।
मोदी 3.0 के मंत्रिमंडल में एनसीपी नेता नहीं हुए शामिल
हालांकि, मोदी 3.0 के मंत्रिमंडल में एनसीपी का एक भी नेता शामिल नहीं हुआ था। पार्टी के नेता प्रफुल्ल पटेल मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने वजह बताते हुए कहा कि हमें हमारी मनपसंद का पद नहीं मिला था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रायगढ़ सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाले सुनील तटकरे बतौर राज्यमंत्री जाने के लिए तैयार थे, लेकिन उन्हें प्रफुल्ल पटेल ने जाने से रोक लिया था।
एनसीपी को मिली है एक मात्र सीट पर जीत
बता दें कि सुनेत्रा पवार ने बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था और वह हार गई थीं। इस बार लोकसभा चुनाव की बात करें तो एनसीपी को बड़ा झटका लगा है। एनसीपी को इस बार मात्र एक ही सीट पर जीत मिली है।
दिल्ली में जब नरेंद्र मोदी सरकार गठन करने के लिए मंत्रिमंडल का फॉर्मूला तय किया जाने लगा तो सीटों की हैसियत के आधार पर अजित पवार की पार्टी को मात्र एक राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद ऑफर किया गया था। हालांकि, जब प्रफुल्ल पटेल को पता चला कि उन्हें राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद दिया जा रहा है तो उन्होंने मना कर दिया।
प्रफुल्ल पटेल को मंजूर नहीं है राज्यमंत्री बनना
एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने अपनी सीनियरिटी का हवाला देते हुए कहा कि वह पूर्व में भारत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, ऐसे में राज्यमंत्री का पद लेना उनके लिए उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा था कि राज्यमंत्री बनना मेरे लिए डिमोशन जैसा होगा।
केंद्र की ओर से मिलने वाले पद पर बस मेरा ही हक- सुनील तटकरे
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रफुल्ल को इस पद के लिए भी अपनी पार्टी के नेता से चुनौती मिल रही थी। सुनील तटकरे पार्टी के इकलौते सांसद है, जिन्होंने इस बार एनसीपी की तरफ से जीत हासिल की है। उन्होंने दावा किया है कि केंद्र की ओर से मिलने वाले पद पर बस मेरा ही हक है। इस खींचतान में फिलहाल एनसीपी की ओर से कोई भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ है।