सुप्रीम कोर्ट में चंडीगढ़ मेयर मामले में आज सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव के सभी मतपत्र और वीडियो मंगवा लिए हैं। कल सुप्रीम कोर्ट में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पेश हुए थे। इसी दौरान पूछताछ में पीठासीन अधिकारी ने माना था कि उन्होंने मतपत्रों पर निशान लगाए थे। आज सुप्रीम कोर्ट दो बजे चुनाव का पूरा वीडियो देखने के साथ मतपत्रों की जांच करेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि मेयर चुनाव दोबारा नहीं होंगे।
हो सकता है आज आठ बैलेट पेपरों के निशानों को नजरअंदाज करके वोटों की गिनती की जाए। अगर ऐसा हुआ तो आप-कांग्रेस गठबंधन का मेयर बन सकता है, इससे भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है। रविवार को नगर निगम में आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे। उसके बाद यही चर्चा थी कि भाजपा एक बार फिर अपना मेयर बना लेगी। लेकिन फिलहाल ये हालात मुश्किल नजर आ रहे हैं।
इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी को फिर फटकार लगाई। कहा कि उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि हम जानते हैं कि क्या हो रहा है और हम खरीद-फरोख्त (हॉर्स ट्रेडिंग) को लेकर बेहद चिंतित हैं।
क्या कहता है नियम
मनोज सोनकर के मेयर पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद शहर में अब कोई मेयर नहीं है। द पंजाब म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन लॉ (एक्सटेंशन टू चंडीगढ़) एक्ट 1994 के सेक्शन 41 के अनुसार, अगर एक महीने तक मेयर के लिए चुनाव नहीं होते हैं तो सीनियर डिप्टी मेयर को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।