सुप्रीम कोर्ट में चंडीगढ़ मेयर मामले में आज सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को हुए चंडीगढ़ मेयर चुनाव के सभी मतपत्र और वीडियो मंगवा लिए हैं। कल सुप्रीम कोर्ट में पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह पेश हुए थे। इसी दौरान पूछताछ में पीठासीन अधिकारी ने माना था कि उन्होंने मतपत्रों पर निशान लगाए थे। आज सुप्रीम कोर्ट दो बजे चुनाव का पूरा वीडियो देखने के साथ मतपत्रों की जांच करेगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि मेयर चुनाव दोबारा नहीं होंगे।
हो सकता है आज आठ बैलेट पेपरों के निशानों को नजरअंदाज करके वोटों की गिनती की जाए। अगर ऐसा हुआ तो आप-कांग्रेस गठबंधन का मेयर बन सकता है, इससे भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है। रविवार को नगर निगम में आम आदमी पार्टी के तीन पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे। उसके बाद यही चर्चा थी कि भाजपा एक बार फिर अपना मेयर बना लेगी। लेकिन फिलहाल ये हालात मुश्किल नजर आ रहे हैं।
Exchange between CJI DY Chandrachud and Mr.Anil Masih in the #SupremeCourt in the #ChandigarhMayorElection case.
— Live Law (@LiveLawIndia) February 19, 2024
CJI : Mr Masih, I am asking you questions. If I find that you are not giving me a truthful answer, you will be prosecuted. Every word that you say, you will be held… pic.twitter.com/WjShqA7nbY
इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पीठासीन अधिकारी को फिर फटकार लगाई। कहा कि उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी कहा कि हम जानते हैं कि क्या हो रहा है और हम खरीद-फरोख्त (हॉर्स ट्रेडिंग) को लेकर बेहद चिंतित हैं।
The Supreme Court today, while hearing the issue of Chandigarh mayor Elections, posed questions to Mr Anil Masih, the presiding officer of the mayoral elections as to the reason for his 'unusual conduct' while counting the votes.
— Live Law (@LiveLawIndia) February 19, 2024
Read more: https://t.co/89VJ9ILH3P#SupremeCourt… pic.twitter.com/0QDegYdlwQ
क्या कहता है नियम
मनोज सोनकर के मेयर पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने के बाद शहर में अब कोई मेयर नहीं है। द पंजाब म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन लॉ (एक्सटेंशन टू चंडीगढ़) एक्ट 1994 के सेक्शन 41 के अनुसार, अगर एक महीने तक मेयर के लिए चुनाव नहीं होते हैं तो सीनियर डिप्टी मेयर को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए।