रामलला के चेहरे वाली एक संपूर्ण तस्वीर सामने आई है। इसमें रामलला की पूरी छवि स्पष्ट नजर आ रही है। रामलला की मूर्ति देखने में अद्भुत है। चेहरे पर मुस्कान भगवान राम की विनम्रता और मधुरता के बारे में बताती है। रामलला का स्वरूप साक्षात राम भगवान की तरह ही प्रतीत होता है। पहली नजर में रामलला की ये मूर्ति देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
आस्था और आध्यात्म की झलक इस मूर्ति से झलकती है। जो पहली ही नजर में राम भक्तों को आकर्षित करती है। भगवान राम के मस्तक पर लगा तिलक सनातन धर्म की विराटता को दर्शाता है। जो देखने वालों को भक्ति की एक अलग दुनिया में ले जाता है। मूर्ति में ऊं, गणेश, चक्र, शंख, गदा, स्वास्तिक और हनुमान की आकृति बनी हुई है।
यह तस्वीर मूर्ति के निर्माण के दौरान की है। हालांकि बृहस्पतिवार को जब रामलला को गर्भगृह में स्थापित किया गया उस वक्त उनकी प्रतिमा पर कपड़े की पट्टी लिपटी हुई थी और उनका चेहरा ढंका हुआ था।
कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है प्रतिमा
राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित इस मूर्ति को मैसूर (कर्नाटक)के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने तैयार किया है। भगवान राम की नई मूर्ति बृहस्पतिवार की दोपहर राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में रखी गई। 51 इंच की रामलला की मूर्ति को बुधवार की रात मंदिर में लाया गया था। भगवान राम की मूर्ति को पूरे वैदिक मंत्रोचार के बीच गर्भ गृह में रखा गया।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
रामलला के नवनिर्मित मंदिर में अचल विग्रह की स्थापना के साथ विराजमान रामलला को भी पूजित-प्रतिष्ठित किया जाएगा। राममंदिर के गर्भगृह में सोने के सिंहासन पर रामलला की इस 51 इंच की अचल मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। उनके सिंहासन के ठीक आगे विराजमान रामलला स्थापित होंगे। वे मंदिर में चल मूर्ति यानी उत्सव मूर्ति के रूप में पूजित होंगे।
21 जनवरी तक जारी रहेंगे अनुष्ठाान
आज सुबह नौ बजे अरणिमन्थन से अग्नि प्रकट किया गया। इससे पहले बुधवार को कलश पूजन का आयोजन किया गया। राम मंदिर ट्रस्ट के अधिकारियों के अनुसार अनुष्ठान 21 जनवरी तक जारी रहेंगे और प्राण प्रतिष्ठा के दिन रामलला की मूर्ति की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के लिए हर जरूरी अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। 121 ‘आचार्य’ अनुष्ठान का संचालन कर रहे हैं। राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर एक बजे समाप्त होने की उम्मीद है।
22 जनवरी के बाद आम जनता के लिए खुलेगा मंदिर
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे, जिसके अगले दिन मंदिर जनता के लिए खोले जाने की उम्मीद है। मंदिर में प्रतिष्ठा समारोह की रस्में पहले ही शुरू हो चुकी हैं। दिसंबर 1992 में कारसेवकों ने विवादित स्थल पर मौजूद बाबरी मस्जिद को ढहा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने नौ नवंबर 2019 को इस मामले में निर्णय देते हुए विवादित स्थल पर मंदिर बनाने और मुसलमान को अयोध्या में किसी प्रमुख स्थान पर मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का आदेश दिया था।