Gaming Industry in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को भारत के कुछ गेमर्स के साथ मुलाकात की। ये मीटिंग रोचक रही क्योंकि पीएम और गेमिंग एक ऐसा समावेश है जिसको लेकर लोगों में खुद उत्साह आ जाती है। क्या पीएम खुद कोई गेम खेलते हैं, या उनको भी गेम पसंद हैं, उनको कौन सा गेम पसंद है….? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो पीएम और गेमर्स की मुलाकात के साथ दिमाग में कौंधते हैं। हालांकि पीएम को अपने काम से निश्चित तौर पर इतनी फुर्सत नहीं कि वे कोई गेम खेलेंगे। लेकिन उन्होंने देश के होनहार गेमर्स से जरूर कुछ दिलचस्प सवाल पूछे।
पीएम ने अपनी मुलाकात के दौरान गेमर्स से बातचीत की और पता चला कैसे गेमिंग इंडस्ट्री एक बड़ा मुकाम हासिल करती जा रही है एक गेमर ने बताया कि इंडियन माइथोलॉजी के ऊपर गेम्स बहुत तेजी से ग्रोथ कर रहे हैं। दूसरे गेमर ने बताया कि कैसे सरकार ने गेमर्स की रचनात्मकता को पहचान देनी शुरू की है।
इस दौरान पीएम ने भी पते का सवाल पूछा जैसे की गेमिंग कहीं एक लेवल पर आकर गैंबलिंग यानी जुआ तो नहीं बन जाती? इस पर गेमर्स का जवाब साफ था। उनका कहना है कि आज ये फर्क बिल्कुल क्लियर हो चुका है कि कौशल आधारित यानी स्किल बेस्ड गेमिंग और रियल मनी गेम्स कौन से होते हैं। एक सवाल यह भी उठा कि गेम्स की कहीं लत तो नहीं लग जाती?
पीएम मोदी ने ये भी पूछा कि अगर लड़कियों की इस इंडस्ट्री में दिलचस्पी है तो उनको इसमें ज्यादा भागीदारी करनी चाहिए। पीएम ने इस दौरान खुद भी गेम्स में अपने हाथ आजमाए। उन्होंने अलग प्लेटफॉर्म के गेम्स ट्राई किए जिसमें वीआर-बेस्ड गेम्स, मोबाइल गेम्स, पीसी और कोनसोल गेम्स भी थे।