Donald Trump: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। अपने शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद ही ट्रंप एक्शन में दिखे। उन्होंने अमेरिका और वहां के लोगों के लिए अहम फैसले लिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका के बाहर निकलने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए। कोरोना महामारी के वक्त ट्रंप इस संगठन पर काफी हमलावर थे। व्हाइट हाउस में आदेश पर हस्ताक्षर करते हुए ट्रंप ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र अमेरिका के साथ डब्ल्यूएचओ पक्षपात कर रहा है। इसने चीन को तवज्जो दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने केवल हमें ठगा है।
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में दुनियाभर के लोग मौजूद थे, जिनमें मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और उनकी पत्नी प्रिसिला चैन, अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस और उनकी मंगेतर लॉरेन सांचेज, साथ ही गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और ट्रंप के सबसे करीबी सलाहकारों में से एक एलन मस्क भी समारोह में मौजूद थे। एपल के सीईओ टिम कुक और टिकटॉक के सीईओ शोउ जी च्यू भी समारोह में मौजूद थे।
पेरिस जलवायु समझौते से भी बाहर
इससे पहले ट्रंप ने शपथ लेने के तत्काल बाद अमेरिका के पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने की घोषणा की थी। व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप एक बार फिर अमेरिका को पेरिस जलवायु समझौते से बाहर करने जा रहे हैं। ट्रंप ने शपथ ग्रहण के कुछ घंटों बाद ही कैपिटल वन एरिना में कार्यकारी आदेशों के अपने पहले सेट पर हस्ताक्षर किए। इस दौरान पेरिस जलवायु संधि से हटने के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए गए।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जताई चिंता
दरअसल, राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन से अमेरिका को वापस लेने के लिए तेजी से कदम उठाया। एक ऐसा कदम जिसके बारे में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व के रूप में देश की स्थिति को कमजोर करेगा और अगली महामारी से लड़ना कठिन बना देगा।