दिवाली हिंदुओं का प्रसिद्द त्यौहार है। आज यानी छोटी दिवाली है। नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहते हैं। इसे छोटी दीपावली इसलिए कहा जाता है क्योंकि दीपावली से एक दिन पहले रात के समय उसी प्रकार दीए की जगमगाहट से रात के तिमिर को प्रकाश पुंज से दूर भगा दिया जाता है जैसे दीपावली की रात को। इस रात दीए जलाने की प्रथा के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएँ और लोकमान्यताएँ हैं। दिवाली का पांच दिवसीय त्यौहार आधिकारिक तौर पर 10 नवंबर को धनतेरस के साथ शुरू हो चुका है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस शुभ दिन पर लोग यम देव के लिए दीया जलाते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। ऐसे में हर किसी को इस दिन सच्ची श्रद्धा और समर्पण के साथ पूजा करनी चाहिए।

छोटी दिवाली के दिन यम की पूजा का विधान

छोटी दिवाली के दिन भगवान कृष्ण, मां काली, यम और हनुमान जी का पूजन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से साधक अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं और एक व्यक्ति के रूप में सुधार कर सकते हैं। इस दिन अभ्यंग स्नान भी बहुत महत्वपूर्ण है मान्यता है कि इससे लोगों को नरक दर्शन से मुक्ति मिलती है। इस शुभ दिन पर तेल और हर्बल पेस्ट लगाना अशुद्धियों की सफाई का प्रतिनिधित्व करता है।

शुभ मुहूर्त

चतुर्दशी तिथि आरंभ – 11 नवंबर 2023 – 01:57 से

चतुर्दशी तिथि समापन- 12 नवंबर 2023 – 02:27 तक

नरक चतुर्दशी कथा

नरक चतुर्दशी को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ राक्षस नरकासुर का वध किया और 16000 गोपियों को बचाया था। तभी से भक्त इस शुभ दिन पर भगवान कृष्ण की पूजा- अर्चना करते हैं। नरक चतुर्दशी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। कुछ क्षेत्रों में इस दिन को काली चौदस के रूप में भी मनाया जाता है।

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