कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के गृह राज्य झारखंड और पड़ोसी राज्य ओडिशा में उनसे जुड़े परिसरों से 300 करोड़ रुपये से अधिक नकदी की बरामदगी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र ने कांग्रेस पर ताजा हमला बोला। मोदी ने मंगलवार को कहा कि जब उनकी आंखों के सामने कांग्रेस द्वारा पिछले 70 वर्षों में जनता के पैसे को ‘लूटने’ की कहानी सामने आ रही है तो किसी को लोकप्रिय नेटफ्लिक्स श्रृंखला ‘मनी हीस्ट’ से बंधे रहने की जरूरत नहीं है।
‘मनी हाइस्ट’ एक स्पैनिश क्राइम थ्रिलर है जो अपने जटिल और घुमावदार कहानी के लिए जाना जाता है। सोशल मीडिया एक्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोस्ट किया “भारत में किसे ‘मनी हीस्ट’ फिक्शन की जरूरत है। जब आपके पास कांग्रेस पार्टी है जिसकी डकैतियां 70 वर्षों से प्रसिद्ध हैं और बढ़ती जा रही हैं!”
In India, who needs 'Money Heist' fiction, when you have the Congress Party, whose heists are legendary for 70 years and counting! https://t.co/J70MCA5lcG
— Narendra Modi (@narendramodi) December 12, 2023
वीडियो में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को धीरज साहू के साथ खड़ा दिखाया गया है। इसमें कांग्रेस के राज्य सांसद साहू की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के तहत राहुल गांधी के साथ चलने की झलक भी दिखाई गई है। शेयर किए गए वीडियो में नेटफ्लिक्स सीरीज़ के एक किरदार के चेहरे को भी संपादित किया गया है और उसकी जगह राहुल गांधी का चेहरा लगा दिया गया है जो नकदी के एक बड़े ढेर में गोता लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
आयकर विभाग ने अब तक ओडिशा स्थित कंपनी बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड की तलाशी के दौरान 351 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। सूत्रों ने बताया कि कंपनी कथित तौर पर धीरज साहू से जुड़ी हुई है। सूत्रों के मुताबिक तलाशी अभी भी जारी है। यह कार्रवाई 6 दिसंबर को शुरू की गई थी जिसमें ओडिशा और झारखंड के 25 परिसर शामिल थे।
इस बीच 176 बैगों में भरे नोटों की गिनती पूरी हो गई और आईटी विभाग ने जब्त रकम को सरकारी खजाने में जमा करा दिया। इस बीच कांग्रेस ने सांसद के घर से बड़ी नकदी बरामदगी से खुद को अलग कर लिया है और दावा किया है कि केवल साहू ही उनसे जुड़े परिसर से बरामद धन के बारे में बता सकते हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किसी भी तरह से सांसद धीरज साहू के कारोबार से जुड़ी नहीं है। केवल वह ही बता सकते हैं और उन्हें बताना चाहिए कि आयकर अधिकारियों ने कथित तौर पर उनकी संपत्तियों से कितनी बड़ी मात्रा में नकदी का खुलासा किया है।”