National Women’s Day: भारत में हर साल 13 फरवरी को नेशनल वुमन्स डे के रूप में मनाया जाता है, जो देश की महिलाओं के सशक्तिकरण, उनके अधिकारों और समाज में उनके योगदान को समर्पित है। यह दिन भारत की एक महान महिला नेता और स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है, जिन्हें भारत की “नाइटिंगेल ऑफ इंडिया” के नाम से भी जाना जाता है।
नायडू का जन्मदिन आज
सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हुआ था और उन्हें भारत की स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है। वह न केवल एक कवयित्री और लेखिका थीं, बल्कि एक प्रखर वक्ता और समाज सुधारक भी थीं। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष बनीं और देश की पहली महिला राज्यपाल (उत्तर प्रदेश) भी रहीं।
नेशनल वुमन्स डे का महत्व
बता दें कि नेशनल वुमन्स डे का उद्देश्य केवल महिलाओं की उपलब्धियों को सराहना ही नहीं है, बल्कि यह दिन समाज में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों और असमानताओं को भी उजागर करता है। भारत में आज भी महिलाओं को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। इस दिन को मनाने के पीछे यह संदेश छिपा है कि महिलाओं को समान अवसर मिलने चाहिए और उन्हें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
नेशनल वुमन्स डे पर कार्यक्रम
दरअसल, नेशनल वुमन्स डे पर देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें महिलाओं के अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाती है। स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संगठन इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं और महिलाओं के योगदान को सलाम करते हैं।
नेशनल वुमन्स डे एक महत्वपूर्ण दिन है जो भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके अधिकारों को समर्पित है। यह दिन सरोजिनी नायडू की विरासत को याद करता है और महिलाओं को समान अवसर मिलने के लिए प्रोत्साहित करता है। हमें इस दिन को मनाने के पीछे के संदेश को समझना चाहिए और महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ना चाहिए।