Wakf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट गुरुवार को संसद में पेश की गई। हालांकि, विपक्षी दलों ने रिपोर्ट का विरोध किया और आरोप लगाया कि विपक्षी सदस्यों के असहमति नोट हटा दिए गए हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रिपोर्ट का विरोध करते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों के असहमति नोट हटाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र विरोधी और निंदनीय है।”
विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया, जबकि राज्यसभा में भी तीखी नोकझोंक हुई। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने टीएमसी सांसद समीरुल इस्लाम, नदीमुल हक और डीएमके सांसद मोहम्मद अब्दुल्ला को कार्यवाही बाधित करने के लिए चेतावनी दी।
जेपीसी का बचाव करते हुए पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि समिति के अध्यक्ष के पास रिपोर्ट से अप्रासंगिक या असंसदीय अंशों को हटाने का अधिकार है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी विपक्ष के दावों को खारिज करते हुए कहा कि रिपोर्ट से कुछ भी नहीं हटाया गया है।
#WATCH | Delhi: In the Rajya Sabha, Union Minister Kiren Rijiju says, "… I have checked the concerns raised by the Opposition. There is no deletion or removal from the report. Everything is on the floor of the House. On what basis can such an issue be raised? The members of the… pic.twitter.com/Qus4tg9PoT
— ANI (@ANI) February 13, 2025
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्ज़े वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी तंत्र जैसे सुधारों को पेश करके वक्फ संपत्तियों के कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण जैसे मुद्दों का समाधान करना है।
इस बीच, टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने कहा, “यह धार्मिक मुद्दा नहीं बल्कि संवैधानिक मुद्दा है।” विपक्षी दलों ने रिपोर्ट का विरोध करने के लिए संसद के बाहर भी प्रदर्शन किया।
वक्फ (संशोधन) विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट पेश होने के बाद विपक्षी दलों के विरोध के बीच संसद की कार्यवाही शुरू हुई। विपक्षी दलों ने रिपोर्ट का विरोध करते हुए कहा कि विपक्षी सदस्यों के असहमति नोट हटा दिए गए हैं।