Sonakshi Sinha: बॅालीवुड में हजारों फिल्में बनती हैं। हर शुक्रवार को किसी न किसी सितारे की किस्मत या तो बन जाती है या फिर उनपर एक फ्लॅाप का Stamp लग जाता हैं। सोनाक्षी सिन्हा के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। उन पर कई सालों तक फ्लॅाप का Stamp लगा रहा, लेकिन इस दौरान उनकी एक्टिंग की भी जमकर तारीफ हुई। यही कारण हैं कि संजय लीला भंसाली ने अपनी Web Series हीरामंडी के एक अहम किरदार के लिए सोना को चुना। इस Web Series में सोनाक्षी के अभिनय की लोगों ने खूब सराहना की। इतने सालों में भले ही Sonakshi Sinha की फिल्में Box Office पर न चली हो, पर उनके अभिनय के लोग कायल रहे हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको Sonakshi Sinha के फिल्मों के कुछ ऐसे दमदार Dialogues बताने जा रहे, जिसमें न सिर्फ Sonakshi Sinha ने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया, बल्कि दर्शकों का दिल भी भरपूर जीता।
Sonakshi Sinha के दमदार Dialogues
उम्मीद सिर्फ इंतज़ार करवाती है, सच्चाई नहीं बदलती (Kalank)
कलंक फिल्म का यह डायलॉग अपने आप में ही एक दास्तां हैं। इस डायलॉग के जरिए Sonakshi Sinha लोगों को सच्चाई का सामना करना सिखाती हैं। इस फिल्म में Sonakshi कैंसर से मरने वाली होती है। उनके पास समय बहुत कम होता है और जब डॉक्टर उन्हें उम्मीद न खोने के लिए कहते हैं तो इस पर जवाब देते हुए सोनाक्षी कहती हैं, ‘उम्मीद सिर्फ़ आपको इंतज़ार करवाती है, यह हकीकत को नहीं बदलती।’
पुरानी दीवारें पार की नहीं जाती, गिरा दी जाती हैं (Heeramandi: The Diamond Bazaar)
संजय लीला भंसाली की Web Series हीरामंडी में सोनाक्षी की Acting ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा हैं। इस शो में Sonakshi Sinha ने फरीदन का किरदार निभाया है। इसी शो का एक डायलॉग है, जो सोनाक्षी द्वारा बोला गया है। शो में वह मनीषा कोइराला, जिन्होंने शो में मल्लिकाजान की भूमिका निभाई है, उनका सामना करती हैं। इस दौरान फरीदन मल्लिकाजान को धमकी देते हुए उनसे कहती हैं, ‘पुरानी दीवारें पार नहीं की जातीं, उन्हें गिरा दिया जाता है।’
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इन अवॉर्ड की कीमत सिर्फ एक साल की होती है, पर दुआएं हमेशा साथ देती हैं… इसलिए कहना चाहूंगी, बस दुआओं में याद रखना (Once Upon a Time in Mumbai Dobaara)
सोनाक्षी सिन्हा का यह मशहूर डायलॉग फिल्म Once Upon a Time in Mumbai Dobaara का है। इस फिल्म में उनका किरदार जैस्मीन का है। फिल्म में सोनाक्षी एक उभरती हुई फिल्म एक्ट्रेस की भूमिका निभाती हैं और कहती हैं, ‘इन अवॉर्ड की कीमत सिर्फ एक साल की होती है, पर दुआएं हमेशा साथ देती हैं… इसलिए कहना चाहूंगी, बस दुआओं में याद रखना।’
मैं उससे बदला नहीं लेना चाहती सिंह साहब, सिर्फ उसे भूलना चाहती हूं (Lootera)
‘लुटेरा’ फिल्म सोनाक्षी के करियर की सबसे प्रशंसित फिल्मों में से एक है। फिल्म में सोनाक्षी पाखी का किरदार निभा रही हैं। वह एक लड़के से प्यार करने लगती हैं, जो अंत में उसे धोखा देता है। जब एक पुलिस इंस्पेक्टर उस लड़के को पकड़ने के लिए पाखी से मदद मांगता है, तो वह कहती है, ‘मैं उससे बदला नहीं लेना चाहती सिंह साहब, मैं बस उसे भूलना चाहती हूं।’
थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब, प्यार से लगता है (Dabangg)
दबंग फिल्म का ये डायलॉग ‘थप्पड़ खाने से डर नहीं लगता साहब, प्यार से लगता है’ आज भी हर किसी के जुबान पर है।
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